चित्तौड़गढ़, 12 अप्रेल (प्रासं)। अन्तर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामदयाल महाराज ने कहा कि आंतकवाद के जन्मदाता स्वंय ही अब आंतकवाद से खुश नहीं है, एवं इसका भी अंत होना है।
चित्तौड़गढ़ में रविवार को आयाजित कार्यक्रमों में भाग लेने आए रामदयाल महाराज ने 'प्रातःकाल' के साथ बातचीत करते हुए आंतकवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि आंतकवाद जितना गंभीर चिंतन का विषय है, उतना ही इस समस्या का समाधान भी गंभीर है, लेकिन उन्होंने कहा कि संसार में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो।
आचार्य ने इस दौरान युवा वर्ग के धार्मिक आयोजनों के प्रति रूझान होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस तरह के रूझान में भी प्रदर्शन वाद को प्राथमिकता मिल रही है, लेकिन कल यह दर्शन के लिए भी धर्म को अपनाएगा, उन्होंने कहा कि विभिन्न पर्वे पर जब युवा पीढ़ी बाहर आती है तो हर दिन को राष्ट्र पर्व माना जाना चाहिए एवं धर्म के प्रति बढ़ते यह कदम सुखद स्थिति का संकेत करते है।
Monday, May 11, 2009
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